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बेटियां हैं न


बेटियां किसी भी सूरत में बेटों से कम नहीं. चाहे जिम्मेदारियों का बोझ उठाना हो या परिवार को संभालना. न जाने कितने ही परिवार हैं जहां बेटियां हर कदम पर बेटों से बेहतर साबित हो रही हैं.
डीके गुप्ता एचएससी कंपनी से रिटायर्ड हैं. वह तीन बेटियों में ही अपनी दुनिया मानते हैं. तीनों को अच्छी एजूकेशन दिलाई और अब तीनों ही अच्छी जगहों पर जॉब कर रही हैं. अर्चिता उनकी बड़ी बेटी है. दूसरी बेटी अर्पिता गुड़गांव में केपीएमजी इंटरनेशनल फर्म में फाइनेंस कंसल्टेन्ट है. छोटी बेटी अपर्णा मुम्बई में एसेंशल कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.
अर्चिता कहती है कि हमें भाई की जरूरत नहीं है. पता नहीं भाई कैसा होता, मम्मी-पापा का कितना ख्याल रख पाता. मुझे इस बात का कोई दुख नहीं कि मेरा कोई भाई नहीं है. हम अपने पैरेंट्स की देखभाल कर सकते हैं.
तराना की उम्र तकरीबन 30 साल है. परिवार में दो छोटी बहनें और मां हैं. वो दिल्ली की एक कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर है. तराना की सबसे छोटी बहन अदा किंगफिशर एयर लाइंस में एयरहोस्टेस है. दूसरी बहन यासमीन इंजीनियरिंग का कोर्स कर एब्रॉड में जॉब कर रही है. तराना ने ही दोनों बहनों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया है.
मां रुखसार का कहना है कि तराना ने पिता की मौत के बाद अपनी जिम्मेदारियां समझीं और दोनों बहनों की पढ़ाई मुकम्मल कराने के बाद एक बहन की शादी भी की. रुखसार अपनी बेटी को बेटे से कम नहीं मानतीं. वो कहती हैं कि तराना के रहते मुझे कभी नहीं लगा कि मेरा एक बेटा भी होता.
अनिल चौहान एक प्राइवेट कंपनी से रिटायर्ड हैं. इनकी दो बेटियां है, मीनाक्षी और मालती. अनिल का मानना है कि उनकी दोनों बेटियां उनके लिए लकी हैं. हालांकि लोगों ने कई बार एक लड़का गोद लेने की सलाह दी मगर उन्होंने कभी इसकी जरूरत नहीं समझी. उनका कहना है कि मेरी बेटियां किसी बेटे से कम नहीं हैं.
बड़ी बेटी मीनाक्षी ऐड एजेंसी में काम करती है. छोटी बहन मालती का जॉब करने का कोई इरादा नहीं था. मीनाक्षी ने छोटी बहन की शादी कराई और वो अपनी ससुराल में बेहद खुश है.
पैरेंट्स के जोर देने पर मीनाक्षी अब शादी का मन बना रही है लेकिन अपनी शर्तो पर. वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों के बीच ससुराल को नहीं आने देना चाहती.
बकौल मीनाक्षी, उन्हें कभी किसीकाम के लिए इस बात का ख्याल नहींआया कि भाई होना चाहिए. मम्मीहमारे लिए अहोई अष्टमी का व्रतरखती हैं, जो बेटे के लिए रखा जाता है. उनकी यही बात मुझे बेटा होने काअहसास दिलाती है.



यह सामग्री http://www.inext.co.in/epaper/default.aspx से ली हैं।

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